मंगलवार, 25 सितंबर 2007

मेरा जनाजा तेरी बारात से अच्छा होगा

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियां बीत गई जिसमें वो लम्हा याद रहा,
न जाने क्या बात थी उसमें..........
सारी महफ़ील भूल गए बस वो ही एक चेहरा याद रहा!!!
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कभी कभी ये दिल जरूर रोता है,
जब कोई अपना मिल कर नजरों से दूर होता है,
क्यूं रोती हैं कमबख्त ये आँखें,
क्यूं कि दिल से ज्यादा इनका ही कसूर होता है!!!!!
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कफ़न से मत देखो मेरे चेहरे को,
मुझे आदत है मुस्कुराने की,
मत दफ़नाओं मुझे कबर में,
मुझे अब भी उम्मीद है किसी के आने की........
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आपके चेहरे पर हम इस कदर नूर है,
कि आप कि याद में रोना भी मंजुर हैं,
बे-वफ़ा भी नही कह सकते आप को,
प्यार तो हमने किया है आप तो बे-कसूर हैं......
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दिल को आदत सी हो गई है चोट खाने की,
भीगी पलको के संग मुस्कुराने की,
काश अंजाम हम पहले से जान जाते,
तो कोशिश ही न करते दिल लगाने की!!!!
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जान कर भी तुम मुझे जान न पाये,
आज तक तुम मुझे पहचान न पाये,
खुद ही की है बे-वफ़ाई हमनें,
ताकी तुझ पर कोइ इलजाम न आये!!!
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मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ़ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की,
लेकिन उसने भी तडपने के लिए जिंदगी दे दी!!!!!
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दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे-दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो..........
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हमनें तो उमर गुजार दी तन्हाईं में,
सह लिये सीतम तेरी जुदाई में,
अब तो ये फ़रीयाद है खुदा से,
कोई औए न तडपे तेरी बे-वफ़ाई में!!!!!
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नाकाम सी कोशिश किया करते हैं,
हम हैं कि उनसे प्यार किया करते हैं,
खुदा ने तकदीर में एक टुटा तारा तक नही लिखा,
और हम हैं कि चांद की आरजु किया करते हैं.....
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मेरे जनाजें में उसे न बुलाना,
मोहब्बत की तौहिन होगी,
मैं चार लोगों के कंधों पर जा रहा होऊंगा,
और मेरी जान पैदल चल रही होगी.....
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ये सच है दोस्तों किसी से प्यार न करना,
कभी किसी का ऎतबार न करना,
थाम के कंजार अपने ही हाथों में,
बे-दर्दी से अपने दिल पर वार मत करना...
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घर जला के इक शमा नें,
रोशन तो कर दिया मौहल्ला सारा,
एक दम भी न निकला था कि लोगों ने,
जनाजा उठा कर,कर दिया मेरा दिवाला...
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हर इकरार तेरे इनकार से अच्छा होगा,
मेरा हर दिन तेरी उस रात से अच्छा होगा,
न हो यकीन तो झांक लेना अपनी डोली से,
मेरा जनाजा तेरी बारात से अच्छा होगा...
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हो चुकी मुलाकात अभी सलाम बाकी है,
तेरे नाम की दो घूंट शराब बाकी है,
तुमको मुबारक हो खुशीयों का शामियाना,
मेरे नसीब में अभी दो गज जमींन बाकी है..
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उसको चाहा भी तो इकरार करना न आया,
कट गई उमर पर हमें प्यार करना न आया,
उसने मांगा भी अगर कुछ तो मांगी जुदाई,
और एक हम थे कि इनकार करना भी न आया......
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जुदाई का पता होता अगर प्यार से पहले,
तो मौत की दूआ मांगते हम दीदार से पहले...
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Mera Janaza Teri Baarat Se Aacha Hoga

शुक्रवार, 21 सितंबर 2007

टुटा दिल का दर्द

दिल के एक कोने से आवाज आती है,
हमें हर पल उनकी याद आती है,
दिल पुछ्ता है हर बार हमसे,
जिन्हें हम याद करते हैं इतना,
क्या उन्हें भी कभी हमारी याद आती है??????
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रह रह कर आपकी याद आती है,
आपके न आने की वजह सताती है,
सोच रहे हैं जरुर कोई गम है,
या आपके दिल में हमारे लिए जगह कम है!!!!!!
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हमारा हर लम्हा चुरा लिया आपने,
आँखो को एक चाँद दिखा दिया आपने,
हमें तो जिंदगी दी किसी और ने,
पर इतना प्यार देकर जीना सिखा दिया आपने!!!!
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तेरा दुःख हम सह नही सकते ,
भरी महफ़ील में कुछ कह भी नही सकते,
हमारे गिरते हुए आँसू पकड कर तो देख,
वो भी कहते हैं हम आपके बिना रह नही सकते,
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कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी,
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी,
कुछ माँगकर तो देख हमसे,
होठों पे हँसी और हथेली पर जान होगी!!!
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जिंदगी में किसी का ऎतबार मत करना,
दोस्ती की हदों को पार मत करना,
खो दोंगे उसे हमेशा के लिए,
इसलिए जो अच्छा लगे उनसे प्यार मत करना!!!
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वो मौसम वो बहार उसके सामने कम थी,
साथ गुजरा हुआ वक्त,वो फ़ीजा कम थी,
जुदा तो आखीर होना ही था जालीम,
क्या करें इन हाथों में मिलन की लकीरें कम थी!!!!!!!
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साथ न सही तन्हाई तो मिलती ही है,
मिलन न सही जुदाई तो मिलती ही है,
कौन कहता है प्यार में कुछ नही मिलता,
वफ़ा न सही बे-वफ़ाई तो मिलती ही है!!!!!
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काँच को चाहत थी पत्थर पाने की,
इक पल में फ़िर टूट कर बिखर जाने की,
चाहत बस उतनी थी उस दिवाने की,
अपने टूकडों में तस्वीर उसकी सजाने की!!
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रास्तें पे न बैठो ठंडी हवा तंग करेगी,
गुजरे हुए लम्हों की हर सजा तंग करेगी,
किसी को न लाऒ दिल के इतने करीब,
बाद में उसकी हर इक अदा तंग करेगी!!!
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गुरुवार, 20 सितंबर 2007

दर्द-ए-दिल

एक जनाजा और एक बरात टकरा गए,
उनको देखने वाले भी चकरा गए,
ऊपर से आवाज आई-"ये कैसी विदाई है?
महबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है!!
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वो तो दिवानी थी मुझे तन्हा छोड गई,
खुद न रुकी तो अपना साया छोड गई,
दुख न सही गम इस बात का है..
आंखो से करके वादा होठो से तोड गई!!!!!!!
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जब आंसू आए तो रो जाते हैं,
जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं,
नींद आंखो में आती नही,
बस आप ख्वाबो में आऒगें,
यही सोच कर सो जाते हैं.............
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अपने दिल की बात उनसे कह नही सकते,
बिन कहे भी जी नही सकते,
ऎ खुदा! ऎसी तकदीर बना,
कि वो खुद हम से आकर कहे कि,
हम आपके बिना जी नही सकते,
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होठ कह नही सकते जो फ़साना दिल का,
शायद नजरो से वो बात हो जाए,
इसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात का,
कि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए.......
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दिल तो तोड ही दिया आपने,
अब चिता भी जला देना,
कफ़न ना मिले तो,
ये दुपट्टा ही ऒढा देना,
कोई पुछे कि बिमारी क्या थी हमें,
तो नजरे झुका के महोब्बत बता देना........
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हमारें आंसू पोछ कर वो मुस्कुराते हैं,
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं!!!!!!!!!
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दील में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता हैं,
जब तक दिल को ठोकर नही लगती,
सब को अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!!!!!!
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दिल जीत ले वो जीगर हम भी रखते हैं,
कातिल कर दे वो नजर हम भी रखते हैं,
वादा किया हैं किसी को सदा मुस्कुराने का,
वरना आंखो में समंदर हम भी रखते हैं!!!!!!!!
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ईंसान के कंधों पर ईंसान जा रहा था,
कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था,
जिन्हें मिली बे-वफ़ाई महोब्बत में,
वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था........
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हजार झोपडीयां जल कर राख हो जाती है,
तब जा कर कहीं इक महल बनता है,
आशीकों के मरने पर कफ़न भी नही मिलता,
और हसीनों के मरने पर ताजमहल बनता हैं!!
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उस दिल से "प्यार” करो जो तुम्हें दर्द दें,
पर उस दिल को कभी दर्द न दो जो तुम्हें "प्यार” करें
क्यों कि तुम सारी दुनीया के लिए "एक” हो,
लेकिन किसी एक के लिए सारी दुनीया हो...
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वादे करते हैं,कसमें खाते हैं,
फ़िर भी न जाने लोग क्यूं साथ छोड जाते हैं,
हमे तो तकलिफ़ होती है फ़ुल तोडने में भी,
न जाने कैसे लोग दिल तोड जाते हैं!!!!!!!!!!
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करोगें याद गुजरें जमाने को,
तरसोगें हमारे साथ एक पल बिताने को,
फ़िर आवाज दोंगे हमें वापस बुलाने को,
और हम कहेंगे दरवाजा नही है स्वर्ग से वापस आने को!!!!!!!!
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दिल की आवाज को इजहार कहते हैं,
झुकी निगाहों को इजहार कहते हैं,
सिर्फ़ पाने का नाम इश्क नही,
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं!!!!!!!!!
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हंसी ने लबों पे टिकना छोड दिया,
ख्वाबों ने सपनो में आना छोड दिया,
नही आती अब तो हिचकियां भी,
शायद आपने हमें याद करना भी छोड दिया..
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जब भी याद आती हैं,मुस्कुरा लेते हैं,
कुछ पलो के लिए हर गम भुला देते हैं,
कैसे भीग सकती है पलकें आपकी,
आपके हिस्से के आंसू तो हम बहा लेते हैं!!!!
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लौट जाते हैं लोग गम हमारा देख कर,
जैसे लौट जाती है लहरे किनारा देख कर,
तु कंधा न देना मेरे जनाजे को,
कही जींदा न हो जाऊं तेरा सहारा देख कर!!!!!
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गम इस कदर मिला,गबरा के पी गए,
खुशी थोडी सी मिली,मिल के पी गए,
यूं तो न थे हम पीने के आदी,
शराब को तन्हा देखा,
तो तरस खा के पी गए!!!!!!!!
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लीखूं कुछ आज ये वक्त का तकाजा हैं,
दिल में दर्द अभी ताजा है,
गिर पडते हैं आंसू मेरे कागज पर,
लगता है कलम में स्याही कम दर्द ज्याद है...
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cheat and love but don't love and cheat
think and love but don't love and think
break the heart and love but
don't love and break the heart
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बे-वफ़ाई का दर्द (प्यार ना करीयों)

हमनें भी किसी से प्यार किया हैं,
राहों में खडे इंतजार किया है,
भुल उनकी नही,भुल हमारी है,
क्यूं कि उन्होंने हमसे नहीं,
हमने उनसे प्यार किया है!
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आज दूर से ही कोई सलाम कर गई,
अपनी यादों को गुलाम कर गई,
अपनी जिंदगी गिरवी रख कर खरीदा था जिसे,
आज वो ही मुझे नीलाम कर गई!!!!!!
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लहरों से मिलकर ना वो बह सके ना हम,
1 दूजे के दिल में न वो रह सके ना हम,
जीत लेते आसमान एक दिन........
लेकिन पलकों कॊ खामोशी को लब्जों में न वो कह सके न हम!!!!
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इश्क से मिली है जो तन्हाईंया हमें कैसे उनका दर्द बयां करेंगे?
1 से ही मोहब्ब्त इतनी कर ली अब किसी और से मोहब्ब्त क्या करेंगे?
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कदम कदम पे बहारों ने साथ छोड दिया,
पडा जब वक्त तो अपनों ने साथ छोड दिया,
कसम खायी थी सितारों ने साथ देने की,
सुबह होते ही सितारों ने भी साथ छोड दिया......
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खामोश पलकों से जब आंसू आते हैं,
आप क्या जानों आप हमें कितना याद आते हैं
आज भी उसी मोड पे खडे हैं,
जहां आपने कहा था"तुम ठहरो हम आते हैं”.........
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अगर हम 1 आंसू होते तो आपकी आंखो से होकर आपके गालों पर मरना पसंद करते,
और आप मेरी आंखो के आंसू होते तो वादा है हम जिंदगी भर न रोते.....
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तन्हाईंयों के सागर में तन्हा हमें छोड गई,
जाने के बाद इक अजीब रिश्ता जोड गई,
खुद को सताने का शौक था इतना,
दिल लगा के हमारा दिल अपना तोड गई..........
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मोहब्ब्त का अजीब कारोबार हमनें किया,
वो बे-वफ़ा सही पर प्यार हमनें किया,
अगर वो छोड जाए तो मत कहो बुरा उनकों,
कसूर उनका नही,ऎतबार हमनें किया..........
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सोचा इस कदर उनकों भुल जाऎंगे,
देख कर भी अनदेखा कर जाऎंगे,
पर जब जब सामने आया उनका ये चेहरा,
सोचा इस बार देख ले,अगली बार भुल जाऎंगे.
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शुक्रवार, 24 अगस्त 2007

जबान का सत्य---->

कहते हैं कि जबान में हड्डियां नही होती लेकिन उसमें इतनी ताकत होती है कि शरीर की सारी हड्डियों को तुडवा दें......इसलिए मेरा तो यही मानना है कि जो भी बोलो सोच समझ कर ही बोलो........

गुरुवार, 9 अगस्त 2007